छतरपुर। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को मिलने वाले निशुल्क जौ के बीच को बाजार में विक्रय कर रहे हैं। वहीं किसानों को अच्छा उत्पादन मिले, इसके लिए दवा खरीदी के लिए दी जाने वाली राशि के फर्जी बिल लगाकर किसानों से वसूली करने में लगे हुए हैं। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब बकस्वाहा के प्रभारी एसएडीओ ने किसानों के खाते में पहुंची दवा की सब्सिडी की वसूली दुकानदारों के माध्यम से शुरू की।बकस्वाहा क्षेत्र में देवरी गांव के किसान अमन पिता मनका अहिरवार 5 ने बताया बीते रबी सीजन में उन्हें कृषि विभाग द्वारा मिलने वाला निशुल्क जौ का बीच नहीं दिया। तीन दिन पहले कृषि विभाग के अधिकारी का फोन आया और उन्होंने स्प्रिंकलर की सब्सिडी के बहाने से 2490 रुपए गांव के एक दुकानदार के माध्यम से खाते से निकलवा लिए। सुजारा गांव के किसान नन्नू पिता चंपुआ प्रजापति ने बताया कि उन्हें इस रबी सीजन में कृषि विभाग द्वारा जौ का बीच नहीं दिया गया है। चार दिन पहले कृषि विभाग के अधिकारियों ने गांव के एक दुकानदार को घर भेजा। उसने बताया कि तुम्हारे खाते में स्प्रिंकलर की सब्सिडी के 2490 रुपए आए हैं, उन्हें निकालकर दे दो। इसके बाद नन्नू दुकानदार के साथ चला गया और राशि निकालने के लिए अंगूठा लगाया, लेकिन राशि नहीं निकली। अब वह सोमवार को फिर से रुपए निकालने जाएगा। इसी प्रकार कुही गांव के देवकरण पिता रम्मू यादव, देवपुर गांव के लाल सिंह पिता हीरालाल लोधी और देवरी गांव श्रीराम पिता मंगलिया अहिरवार सहित 75 किसानों के नाम का एक क्विंटल जौ तो वितरित होना दिखा दिया गया, लेकिन किसानों दिया नहीं गया। अब कृषि विभाग के अधिकारी स्थानीय दुकानदारों के माध्यम से स्प्रिंकलर की सब्सिडी का बहाना बनाकर राशि की वसूली करने में लगे हुए हैं।
एक ही दिन में सभी किसानों की दिखा दी खरीदी, सभी बिल 25 नवंबर के
जौ वितरण के बाद शासन द्वारा इसका उत्पादन करने के लिए सभी किसानों को 2490 रुपए की राशि दवा खरीदी के लिए दी जाती है। यह राशि किसान शुरुआत में स्वयं खर्च करता है, इसके बाद बिल लगाने पर पूरी राशि उसके खाते में आ जाती है। लेकिन बकस्वाहा में कृषि विभाग के अधिकारियों ने एक दुकान से एक ही सीरियल में खरीदी दर्शा दी है। जिसमें जिंक सल्फेट 25 किलो ग्राम, बोरेक्स 10 किलोग्राम और 2-4 डी दो लीटर खरीदना लिखा गया है। यह सभी बिल 25 नवंबर 23 की तारीख के हैं। जिनका सीरियल नंबर 2201 से शुरू होकर 2275 तक है। जिसमें जिंक सल्फेट की कीमत 925 रुपए, बोरेक्स की 576 और 2-4डी की 661.46 रुपए सहित जीएसटी के 302.16 रुपए दर्शाए गए हैं।
मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी
जौ बीज वितरण में गड़बड़ी हुई है, इस बात की मुझे जानकारी नहीं है। आपने अवगत कराया है तो मामले को दिखवाता हूं। यदि कोई अधिकारी सब्सिडी के रूप में किसान को मिली राशि दुकानदारों के माध्यम से उगा रहा है तो यह गलत है। मामले में जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
सुरेश कुमार पटेल, प्रभारी उप संचालक कृषि छतरपुर