छतरपुर। विद्यालयों की छोटी-छोटी मरमतों हेतु शासन द्वारा समय-समय पर राशि जारी की जाती है सत्र 2022-23 में 186 स्कूलों के लिए शासन द्वारा तीन लाख मान से राशि स्वीकृत की थी जिसमें से 120 स्कूलों में कार्य कराया गया है इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी आर. एस. भदोरिया एडीपीसी को बनाया गया था जिनके द्वारा अपने स्व जातीय ठेकेदार जो की भिंड के हरिओम सेंगर को अधिकांश कार्य प्राचार्यो पर दवाब डाल कर उक्त सभी कार्य दिलाये गये थे जिन कार्यो मे उक्त ठेकेदार द्वारा मन मर्जी से कार्य किये गये थे। ्रष्ठक्कष्ट भदौरिया द्वारा अपने मित्र सहायक यंत्री पीसी तिवारी के साथ मिलकर उक्त कार्यो के बड़ा चढ़ाकर मूल्यांकन कराये गये है ।
जिन प्राचार्यो द्वारा गुणवत्ता विहीन कार्यो की आवाज उठाई गई उन प्राचार्य की आवाज को एडीपीसी भदोरिया द्वारा उन प्राचार्यो की आवाज को धमकाकर दबा दिया गया। हम आपको बता दें कि इस मामले की जानकारी नाम न बताने की शर्त पर प्राचार्य द्वारा ही बताया है कि किस तरह आर एस भदौरिया पर प्रत्येक विद्यालय से 50,000 की राशि अर्जित करने का आरोप प्राचार्य द्वारा लगाया गया है उक्त अनमित्ताओ की जांच हेतु संयुक्त संचालक द्वारा जांच दल गठित किये गये थे किन्तु उक्त आरोपो की जांच नही की गई ।
प्रत्येक स्कूल पर खर्च हुए 3 लाख
अपर संचालक लोक शिक्षण मप्र के आदेश से स्कूलों की मरम्मत और जरूरी निर्माण कार्य कराने के लिए स्कूलों को बजट जारी किया गया है। हर स्कूल को 3 लाख रुपए का बजट मिला है। इस राशि से स्कूलों में मरम्मत और आवश्यकता के अनुसार जरूरी काम कराया जाना था। यह काम नियमानुसार शासकीय निर्माण एजेंसी के माध्यम से कराए जाने थे। जिले में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों की मरम्मत के नाम पर भ्रष्टाचार की शिकायत लोक शिक्षण संचालनालय से हुई थी। जिसके बाद जांच शुरु हो गई थी।
छत की मरम्मत के बाद सीमेंट झड़ रही है
हाईस्कूल अचट्ट में 3 लाख रुपए की राशि से छत की मरम्मत का काम कराया गया है। जिस छत की मरम्मत करना दर्शाया गया है उस छत से अब भी सीमेंट और सीसी झड़ रहा है। छात्रों ने बताया कि कई बार कक्षा के बीच में ही गिट्टी सीमेंट गिरने लगता है। मार्च में हुई बारिश के दौरान छत से पानी टपकने लगा था। यहां काम के नाम पर छत पर पुट्टी पाउडर का घोल लगाया गया है। हायर सेकंडरी स्कूल धमौरा में हालात तो बदतर हैं। धमौरा स्कूल में भी छत की मरम्मत के नाम पर राशि खर्च की गई है। वाटरप्रूफिंग के नाम पर दो कमरों की छत पर केवल सीमेंट का घोल लगाया गया है। मरम्मत का काम होने के बाद उन्होंने छत पर पानी भरकर जांच की थी तो पूरा छत में पहले की तरह ही पानी का रिसाव हो रहा है।
आधी अधूरी पुताई
बिलहरी हाई स्कूल में भवन के आगे के हिस्से तो पुताई करा दी है लेकिन भवन के पिछले हिस्से को ऐसे ही छोड़ दिया। साथ ही स्कूल के पीछे की एक दीवार का क्षतिग्रस्त होकर प्लास्टर गिरने को कगार पर आ गया है। इसी तरह दौरिया में हाई स्कूल का नया भवन बना है। शासन ने दौरिया हाई स्कूल में मरम्मत लिए भी 3 लाख रुपए की राशि दी थी। शिक्षकों ने मरम्मत के लिए मिली राशि से अन्य कार्य न करते हुए नए भवन और मिडिल स्कूल भवन की छत की वाटरप्रूफिंग करा दी। जिस भवन के छत की वाटरप्रूफिंग कराई गई है वह भवन पीआईयू विभाग ने बनाया है और अभी गारंटी पीरियड में है।
ब्लॉकवार खर्च हुए रुपए
मरम्मत के नाम पर ईशानगर ब्लॉक के 33 स्कूल में 99 लाख रुपए, नौगांव ब्लॉक के 31 स्कूल में 93 लाख रुपए, बड़ामलहरा ब्लॉक के 27 स्कूल में 81 लाख रुपए, बकस्वाहा के 12 स्कूल में 36 लाख रुपए, राजनगर के 22 स्कूल में 66 लाख रुपए, लवकुशगनर के 21 स्कूल में 63 लाख रुपए, बारीगढ़ के 22 स्कूल में 66 लाख रुपए और बिजावर ब्लॉक के 18 मेें 54 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इस तरह से जिले में कुल 186 हायर सेकंडरी व हाईस्कूल पर 5.58 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
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